आईआईएम रोहतक के डायरेक्टर ने क्षेत्रीय भाषाओं में कैट कराने की उठाई मांग
- Abhishek
- 25 नव॰ 2020
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आईआईएम रोहतक के डायरेक्टर, प्रो धीरज शर्मा ने कैट रेगुलेटरी अथॉरिटी और आईआईएम-इंदौर कैट कंडक्टिंग अथॉरिटी से कैट 2020 को क्षेत्रीय भाषाओं में आयोजित कराने की मांग की है। वर्तमान में कैट अंग्रेजी भाषा में आयोजित की जाती रही है। बता दें कि इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मैनेजमेंट (आईआईएम्स) सहित टॉप बिजनेस स्कूल में एडमिशन लेने के लिए कैट परीक्षा देनी पड़ती है।
सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि धीरत शर्मा ने इसके लिए आईआईएम इंदौर के डायरेक्टर हिमांशु राय को लिखित में प्रार्थना पत्र सौंपा है। पत्र में कहा गया है कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति का एक उद्देश्य क्षेत्रीय भाषाओं को सीखने और प्रचारित करना भी है, ऐसे में कैट जैसी राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा क्षेत्रीय भाषाओं में भी आयोजित की जानी चाहिए। बता दें कि हर साल 2,00,000 से ज्यादा छात्र कैट परीक्षा में शामिल होते हैं।
धीरज शर्मा ने अपने पत्र में यह भी लिखा कि छात्रों को अनुसूची VII के अनुसार किसी भी भाषा में मैनेजमेंट कोर्सेज करने की अनुमति दी जाए। हिमांशु राय, जो कैट के संचालन का समन्वय करते हैं, इस मामले को एग्जाम कोर कमेटी के समक्ष उठाएंगे।
इस पत्र को लिखने के पीछे मुख्य उद्देश्य यह भी है कि अंग्रेजी भाषा पर कई छात्रों की मजबूत पकड़ नहीं है। ऐसे में ये चीज उन्हें मैनेजमेंट के क्षेत्र में उच्च शिक्षा लेने से रोकती है। इस प्रकार, क्षेत्रीय भाषाओं में परीक्षा और पाठ्यक्रम को बढ़ावा देना ऐसे छात्रों के लिए एक वरदान साबित होगा।
सबसे अच्छी बात ये है कि आईआईएम के डायरेक्टर को ऐसे समय में पत्र लिखा गया है जब केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय भारतीय भाषाओं में उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के तरीकों के बारे में विचार कर रही है। भारतीय संविधान की अनुसूची आठवीं में शामिल भाषाओं में असमिया, बंगाली, बोडो, डोगरी, गुजराती, हिंदी, कन्नड़, कश्मीरी, कोंकणी, मलयालम, मणिपुरी, मराठी, मैथिली, नेपाली, उड़िया, पंजाबी, संस्कृत, संथाली, सिंधी, तमिल, तेलुगु और उर्दू हैं।
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