मनीष सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्रालय से की CBSE बोर्ड परीक्षा रद्द करने की मांग
- Ajay Singh
- 18 जून 2020
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गत बुधवार को सुप्रीम कोर्ट ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (CBSE) को कक्षा 10वीं और 12वीं के बचे 29 विषयों में बोर्ड परीक्षा आयोजित करने के मुद्दे पर उचित निर्णय लेने के लिए कहा था।
बता दें कि शीर्ष अदालत में एक याचिका दायर की गई थी जिसमें सीबीएसई द्वारा पहले से आयोजित परीक्षाओं और इंटरनल असेसमेंट के आधार पर रिजल्ट घोषित करने की मांग की गई थी। मौजूदा स्थिति में परीक्षा आयोजित करने से हजारों छात्रों, शिक्षकों और कर्मचारियों के स्वास्थ्य को खतरा हो सकता है। याचिका में केंद्रीय बोर्ड से आग्रह किया गया कि वह 18 मई की जारी की गई बचे हुए 10वीं और 12वीं बोर्ड एग्जाम की डेट शीट को रद्द कर करें।
इसी बीच कल, दिल्ली के डिप्टी सीएम और शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल 'निशंक ’को एक विस्तृत पत्र भेजा, जिसमें सीबीएसई की लंबित परीक्षाओं को रद्द करने का अनुरोध किया गया।पत्र में मनीष सिसोदिया ने कहा, "वर्तमान में, दिल्ली में 44,688 कोविड-19 के मामले हैं और यह 31 जुलाई, 2020 तक बढ़कर 5.5 लाख हो जाने की उम्मीद है। इसलिए, दिल्ली में परीक्षा आयोजित करना मुश्किल भरा होगा।" सिसोदिया ने मानव संसाधन विकास मंत्री को सलाह दी कि बोर्ड रिजल्ट स्कूल आधारित इंटरनल असेसमेंट जैसे- प्रोजेक्ट वर्क, इंटरनल टेस्ट, टर्म एग्जाम, प्री-बोर्ड आदि के अनुसार दिए जाएं।
बोर्ड परीक्षा आयोजित ना किये जाने के कारणों को सूचीबद्ध करते हुए, सिसोदिया ने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में कई स्कूल बिल्डिंग्स को क्वारंटाइन सेंटर्स में बदल दिया गया है। मौजूदा हालातों को देखते हुए यदि किसी छात्र के परिवार का कोई व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव पाया जाता हैं, तो वह परीक्षा में बैठने से भी वंचित रह जाएगा।" जानकारी के लिए बता दें कि अब तक दिल्ली में 242 क्षेत्रों को कन्टेनमेंट जोन के रूप में चिह्नित किया जा चुका है।